The Most Important Photosensitive Layer Of The Retinal Eye
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By: Dr. Ritesh Narula
अनमोल आंखों के लिए थोड़ी सावधानी और थोड़ी देखभाल बहुत जरूरी है। आखिर आंखें हैं तो दुनिया की तमाम खूबसूरती के हमारे लिए मायने है। यह जानते हुए भी अक्सर हम आंखों के स्वास्थ्य के बारे में बहुत गंभीरता से नहीं सोचते। आंखों को लेकर कई तरह के सवाल होते हैं पर हम उनको अनदेखा करते हैं। तमाम समस्यओं में से एक मुख्य समस्या रेटिना से जुड़ी हुई भी है। रेटिना आंख की रोशनी के प्रति संवेदनशील अंतरतम परत है, जिसे सामान्यतः तौर पर पर्दा भी कहा जाता है। यह एक प्रकाश संवेदनशील ऊतक है जोकि बहुत ही सूक्ष्म विकसित कोशिकाओं से बनता है जिसे रोड्स और कोन्स कहा जाता है। आँख में प्रवेश करने वाली लाइट पारदर्शी ढांचा- कॉर्निया (पुतली), और लेंस के माध्यम से होकर गुजरती है और फिर रेटिना तक पहुँचती है। रेटिना ऊतक मस्तिष्क को संकेत प्रेषित करती है जिससे हमें दृष्टि की इंद्रियों में मदद करता है। रेटिना आंख की सबसे महत्वपूर्ण प्रकाश संवेदनशील परत है। रेटिना रोग के उपचार में किसी तरह की लापरवाही से संभावित आंखों की दृष्टि कम हो जाती है या फिर अंधापन भी हो सकता है।
लक्षण
- कम दिखाए देना
- आंखों के सामने अचानक पर्दा या परछाई जैसा रहना जो कि कितनी भी बार आंखें धोने पर न जाना
- आंखों के सामने छोटे-छोटे तीनके, मलवा या तारों जैसे कुछ उडता दिखना
- आंखों में अचानक तेज बिजली जैसा प्रकाश सा दिखना ऽ अचानक से अंधेरा छा जाना या एकदम नया सा दिखना
- रेटिना पर होने वाले हानिकारक प्रभाव के कारण
- मधुमेह के साथ रक्त शर्करा का स्तर बढ़ना। वास्तव में, पूरी दुनिया में मधुमेह से नेत्र रोग के कारण अंधापन होना सबसे आम है।
- उच्च रक्तचाप भी एक अन्य कारण है।
- बढ़ती उम्र के कारन परदे की कोशिकाओं में कमजोरी
- सिगरेट पीना रेटिना के लिए काफी हानिकारक होता है, और यहां तक कि दृष्टि को नुकसान पहुंचाने का कारण भी हो सकता है।
- सूरज को सीधे देखते रहना या विशेष रूप से सूर्यग्रहण में देखना हानिकारक हो सकता है।
- रेटिना से प्रभावित लोग
- वास्तव में रेटिना से जुड़ी समस्या की संख्या बदलती रहती है। आम रेटिना की समस्याएं मधुमेह और उच्च रक्तचाप के साथ जुड़े होते हैं। मधुमेह नेत्र रोग और अंधेपन के प्रमुख कारणों में से एक है।
Source: www.vijaynews.in