आँखों को सुरक्षित रखने और इसे नमी प्रदान करने के लिए आँखों की उपरी सतह पर आँसुओं की एक परत बनी होती है। कुछ लोगों में कई कारणों से पर्याप्त मात्रा में आँसू नहीं बन पाता है, जिससे उन्हें काफी दिक्कतों जैसे आँखों में दर्द, जलन और खुजली का सामना करना पड़ता है। इस समस्या को ड्राई आई सिंड्रोम या शुष्क अक्ष कहा जाता है। कुछ सावधानियां बरतना और ज़रूरत पड़ने पर उपचार करना ही इस समस्या का समाधान है।
ड्राई आई सिंड्रोम के कारण:
सामान्यतः उम्र बढ़ने के साथ आँखों में सूखेपन की परेशानी होने लगती है। लेकिन आजकल की बदलती दिनचर्या के कारण, छोटे बच्चों तक को ड्राई आई सिंड्रोम होने लगा है। इस समस्या के प्रमुख कारण हैं:
- पानी कम पीना
- मोबाइल या TV स्क्रीन के सामने अधिक समय बिताना
- अनुचित दिनचर्या और खानपान
- लंबे समय तक AC में बैठना
- मोबाइल, TV और कंप्यूटर स्क्रीन के सामने कम समय बिताएं
- किताबें पढ़ते समय बीच- बीच में ब्रेक लेते रहें
आँखों में सूखापन का इलाज
आँखों में सूखापन का इलाज करने के लिए निम्नलिखित उपचारों में से किसी एक का चयन किया जा सकता है।
सूखी आंखों के अंतर्निहित कारण का इलाज करना
कई बार आँखों में सूखापन आँख से सम्बंधित किसी बीमारी अथवा दवाइयों आदि के सेवन से भी हो सकता है, ऐसी स्थिति में डॉक्टर बीमारी का निदान करेंगे और स्थिति अनुसार उपचार करके आँखों में सूखापन का इलाज करेंगे।
दवाइयाँ
आँखों में किसी अन्य परेशानी की वजह से सूखापन आ जाने पर डॉक्टर प्रिस्क्रिप्शन बेस्ड कुछ दवाइयाँ निर्धारित कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर यदि पलकों में सूजन के कारण आँखों में सूखापन आ गया है तो डॉक्टर एंटीबायोटिक की सलाह दे सकते हैं।
अन्य प्रक्रियाएं
यदि दवाइयों की मदद से आँखों की समस्याओं का इलाज नहीं हो सकता है तो डॉक्टर परिस्थिति अनुसार सर्जरी, लाइट थेरेपी, कांटेक्ट लेंस आदि उपचार विधि का उपयोग कर सकते हैं।
आँखों में सूखापन से बचाव
आँखों का सूखापन की समस्या से बचने के लिए आप नीचे दिए गए घरेलू उपायों को अपनाएं।
खूब पानी पिएँ
शरीर को हाइड्रेट रखना बहुत ज़रूरी होता है। जब आपका शरीर हाइड्रेट रहता है, तो आपकी आंखें भी मॉइस्चराइज रहेंगी और सूखापन महसूस नहीं होगा।
- पलक कम झपकाना
- हार्मोनल बदलाव
- दवाइयों का दुष्प्रभाव
- बीमारियां जैसे मधुमेह, अर्थराइटिस आदि भी इसका कारण हो सकते हैं
ड्राई आई सिंड्रोम के लक्षण:
ड्राई आई सिंड्रोम होने पर आपको कुछ इस प्रकार के लक्षण नज़र आ सकते हैं:
- आँखों में दर्द होना
- बार- बार पलकें झपकाना
- आँखों में जलन और खुजली
- आँखों में लालिमा
- आँखों में रोशनी के प्रति संवेदनशीलता
ड्राई आई सिंड्रोम का निदान
आँखों में परेशानी नज़र आने पर आप तुरंत ही अपने नेत्र रोग विशेषज्ञ से मिलें। आपके डॉक्टर आपकी आँखों को अच्छी तरह से देखकर इसका परीक्षण करेंगे। ड्राई आई सिंड्रोम के लिए कुछ टेस्ट भी उपलब्ध हैं, जिससे इसका पता लगाया जा सकता है। एक बार अच्छी तरह से परीक्षण करने के बाद आपके डॉक्टर आपको दवाइयाँ और आई ड्रॉप का सुझाव देंगे।
ड्राई आई सिंड्रोम से कैसे बचें?
आँखों में ड्राइनेस से बचने के लिए आप निम्न बातों का ध्यान रखें-
- हेयर ड्रायर का इस्तेमाल ना करें
- गर्म जगहों पर जाने से बचें
- बाहर जाने पर चश्मे लगाकर रखें
खाने में ओमेगा- 3 फैटी एसिड शामिल करें
ओमेगा- 3 फैटी एसिड आँखों की सेहत के लिए काफी अच्छा माना जाता है। यह आपको अलसी के बीज, चिया के बीज, मछली आदि खाने से प्राप्त होंगे।
स्क्रीन टाइम कम करें
मोबाइल, TV, कंप्यूटर के सामने कम समय बिताएं या बीच- बीच में ब्रेक लेकर काम करें।
ठंडा संपीड़न
आँखों को नियमित रूप से ठंडे पानी से सिकाई करें। आपको काफी आराम मिलेगा।
आँखों की मालिश
आँखों के आसपास की त्वचा काफी कोमल और नाजुक होती है। उन्हें भी देखभाल की काफी जरूरत होती है। आप नारियल तेल या अन्य किसी प्राकृतिक तेल का उपयोग कर आँखों के आसपास की मालिश कर सकते हैं। आँखों में मालिश करने से बहुत ही आराम मिलता है।
आलू और खीरा
आलू या खीरे के पतले टुकड़े काटकर उसे कुछ देर तक पानी में डालकर रखे। फिर इसे साफ हाथों से अपने आँखों पर रख कर कुछ देर आराम करें। ऐसा करने से आँखों को काफी ठंडक मिलती है।
डॉक्टर को दिखाएं
यदि आपको ड्राई आई सिंड्रोम से जुड़ी आँखों की समस्या हो रही है, जैसे- आँखों का लाल हो जाना, दर्द एवं जलन आदि तो शीघ्र ही अपने नज़दीकी नेत्र रोग विशेषज्ञ से मिलें। वे आपको कुछ आई ड्रॉप और दवाइयाँ देंगे, जिससे आपको शीघ्र आराम मिलेगा। उचित निदान एवं इलाज हेतु आप सेंटर फॉर साइट में अपॉइंटमेंट बुक कर सकते हैं।